प्रस्तावना
भारत की अधिकतर आबादी गाँवों में रहती है। यदि गाँवों का विकास होगा तभी देश का विकास संभव है और इसमें शिक्षा सबसे बड़ी भूमिका निभाती है।
कृषि और शिक्षा
- शिक्षित किसान आधुनिक खेती तकनीक सीखकर पैदावार बढ़ा सकता है।
- शिक्षा से किसान सरकारी योजनाओं और लाभों के बारे में जागरूक हो पाते हैं।
सामाजिक विकास
- गाँव में शिक्षा से अंधविश्वास और अशिक्षा कम होती है।
- महिलाओं की शिक्षा से पूरे परिवार का स्तर ऊपर उठता है।
आर्थिक विकास
- पढ़े-लिखे युवा स्वरोजगार और स्टार्टअप शुरू कर सकते हैं।
- इससे गाँवों में बेरोज़गारी कम होती है।
निष्कर्ष
ग्रामीण विकास तभी संभव है जब शिक्षा गाँव-गाँव तक पहुँचे। शिक्षा ही गाँवों को आत्मनिर्भर और मजबूत बना सकती है।
